यकीन मानिए आपको मुद्दों से भटकाने में शासक वर्ग सफल रहा है।
· जब देश के 19.5 करोड़ लोगों को रोज भूंखे रहना पड़ता है।
· जब देश में प्रत्येक वर्ष, 11 लाख बच्चे कुपोषण से मरते है (रोज तीन हज़ार)।
· जब देश में हर साल दलितों पर लगभग 47000 जघन्य अपराध हो रहे होते है, सिर्फ इसलिए की वो एक विशेष जाति में जन्मे हैं।
· जब हमारे राजनेता राष्ट्रीय चुनावों के संचालन में 30000 करोड़ और विधानसभा चुनावों में 100,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे होते हैं, जबकि भारत में समुचित पोषक तत्व के लिए प्रति बच्चा केवल 16 रु खर्च करने के जरुरत है पर उसका प्रबंध नही हो पा रहा है।
· जब देश के सुपर रिच जिसमे ये देशप्रेमी नेता भी आते हैं, जो इस देश के संसाधनों का दोहन कर अपने बच्चों को पढाने के लिए विदेशों में मोटी रकम खर्च करके भेजते हैं, यह खर्च 200,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, यह रकम भूखे पेट सो रहे लोगो का हक तो है ही साथ में देश पर भरोसा न दिखाकर उसको दुनिया भर में नीचा दिखाने जैसा भी है।
· जब देश में गरीबी रेखा के नीचे ३४ करोड़ लोग हो जो की 1947 में कुल जनसंख्या से भी अधिक हैं।
· जब हर साल 16,000 किसान सरकार की नीतियो की विफलता की वजह से आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हों।
· जब देश में हर साल 25000 लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहे हो।
· जब देश के ६७ करोड़ लोगों को खुले में सौंच करने जाना पड़ रहा हो।
· जब 15 करोड़ से अधिक लोगों को पीने के पानी की तलाश में कम से कम 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
· जब देश में प्रत्येक वर्ष, 11 लाख बच्चे कुपोषण से मरते है (रोज तीन हज़ार)।
· जब देश में हर साल दलितों पर लगभग 47000 जघन्य अपराध हो रहे होते है, सिर्फ इसलिए की वो एक विशेष जाति में जन्मे हैं।
· जब हमारे राजनेता राष्ट्रीय चुनावों के संचालन में 30000 करोड़ और विधानसभा चुनावों में 100,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहे होते हैं, जबकि भारत में समुचित पोषक तत्व के लिए प्रति बच्चा केवल 16 रु खर्च करने के जरुरत है पर उसका प्रबंध नही हो पा रहा है।
· जब देश के सुपर रिच जिसमे ये देशप्रेमी नेता भी आते हैं, जो इस देश के संसाधनों का दोहन कर अपने बच्चों को पढाने के लिए विदेशों में मोटी रकम खर्च करके भेजते हैं, यह खर्च 200,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, यह रकम भूखे पेट सो रहे लोगो का हक तो है ही साथ में देश पर भरोसा न दिखाकर उसको दुनिया भर में नीचा दिखाने जैसा भी है।
· जब देश में गरीबी रेखा के नीचे ३४ करोड़ लोग हो जो की 1947 में कुल जनसंख्या से भी अधिक हैं।
· जब हर साल 16,000 किसान सरकार की नीतियो की विफलता की वजह से आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो रहे हों।
· जब देश में हर साल 25000 लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहे हो।
· जब देश के ६७ करोड़ लोगों को खुले में सौंच करने जाना पड़ रहा हो।
· जब 15 करोड़ से अधिक लोगों को पीने के पानी की तलाश में कम से कम 2 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
लेकिन अगर सिर्फ आपको देश पर तभी खतरा लग रहा है जब कोई टॉम डिक एंड हैरी कहीं खड़े होके दो चार देश विरोधी स्लोगन बकते हैं, तो यकीन मानिए आपको मुद्दों से भटकाने में शासक वर्ग सफल रहा है।
शासक वर्ग का देशप्रेम देखना है तो बस इतना देख लो की इनके बच्चे कहाँ पढते हैं और कहाँ पिकनिक मनाने जाते हैं, क्या ये अपने देश की शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा न कर, पूरी दुनिया के सामने देश को शर्मसार नहीं करते?
शासक वर्ग का देशप्रेम देखना है तो बस इतना देख लो की इनके बच्चे कहाँ पढते हैं और कहाँ पिकनिक मनाने जाते हैं, क्या ये अपने देश की शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा न कर, पूरी दुनिया के सामने देश को शर्मसार नहीं करते?
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