Shayari Part.61

1. नफ़रत सी हो गई हैँ इस दुनिया से,
एक तुम से मोहब्बत करके॥

2. मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे मंजुर है,
लेकिन……. धोखा देने वालों को मै दुबारा मौका नही देता!!!!

3.  इश्क़ वो नहीं जो तुझे मेरा कर दे....
इश्क़ वो है जो तुझे किसी और का ना होने दे !!

4. मेरी आँखों में छुपी... उदासी को महसूस तो कर..
हम वह हैं... जो... सब को हंसा कर रात भर
रोते है...

5. तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके, बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके....!!

6. जैसे प्यार से सभी चीज़ें आसान लगती हैं, उसी तरह उम्मीद से सब कुछ संभव लगने लगता है।

7. महसूस कर रहे हैं तेरी लापरवाही कुछ दिनों से,
याद रखना अगर हम बदल गये तो मनाना तेरे बस की बात नही..

8. अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना,
अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा!!

9. जब वक़्त करवट लेता हैं ना, दोस्तों...
तो बाजियाँ नहीं, जिंदगियाँ पलट जाती है..!

10.  "क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में. दोस्तों. वो लोग ही बिछड़ गए. 'जो जिंदगी हुआ करते थे !!

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?

हर चमार महापंडित है सूर्यवंशी हैं