Shayari Part.51

1. लिखने-लिखाने का ये सबब मिला हमें...
वो कहते हैं मुझे...बहुत बातें आ गई हैं तुम्हें..!!
2. उससे मिला हूँ जब  से
दील चाहता है
सबसे बिछड़ जाऊं
3. "आप जिस पर आंख बन्द कर के भरोसा करते है,
अक्सर वही आप की आंखे खोल जाता है"
4. हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं...
5. मेरा कत्ल करके क्या मिलेगा तुमको....
हम तो वैसे भी तुम पर मरने वाले हैं ....!!
6. शीशे में डूब कर पीते रहे, उस ‘जाम’ को,
कोशिशें तो बहुत की मगर, भुला न पाए एक ‘नाम’ को..
7. "वो करीब बहुत है...मगर दूरियों के साथ...,
हम दोनों जी तो रहे है...मजबूरीयों के साथ...।"
8. तुझे याद करके जागता हूँ - तुझे याद करके सोता हूँ.
बस, ज़िन्दगी में इसके सिवा और कुछ भी नहीं है..
9. जिसे हम सबसे ज्यादा चाहते है,
उसीमें सबसे ज्यादा ताकत होती है,
हमें रुलाने की...
10. क्या हुई खता हमसे ऐसी,
जो किस्मत हमारी हमसे रुठ गई,
क्यों हमें रोशनी की किरण दिखाके,
अंधेरों में दूबा गया कोई....

Comments

Popular posts from this blog

ना हिंदू बुरा है ना मुसलमान बुरा है जिसका किरदार बुरा है वो इन्सान बुरा है. .

आप दिमाग से पैदल हैं

क्या वाल्मीकि जी मेहतर/भंगी थे?