Shayari Part.46
1. दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया
2. ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ..
3. जाने क्यूं अधूरी सी लगती है जिंदगी
जैसे खुद को किसी के पास भूल आये हों।
4. नींद तो आने को थी पर दिल पुराने किस्से ले बैठा
अब खुद को बे-वक़्त सुलाने में कुछ वक़्त लगेगा।
5. ज़ख्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें;
हम खुद निशान बन गए वार क्या करें;
मर गए हम मगर खुलो रही आँखें;
अब इससे ज्यादा इंतज़ार क्या करें!
6. ऐ खुदा बस इतना सा मुझ पर करम कर दे........!!
जितनी ज़िन्दगी उसके बगैर लिखी है, वो खत्म कर दे.......!!
7. पंछियों को पिंजरे मै कैद कर के तो सभी प्यार जता लेते है,
कोई उड़ता हुआ पंछी आकर आपके कंधे मै बैठ जाये प्यार उसी को कहते है..
8. आँसूओ से शिकायत क्या करे
दर्द मे साथ निभाया करते है मेरा
बस बेवक्त महफ़िल मे गिर जाते है
जिक्र कोई कर बैठे जो तेरा
9. इन ठंडी हवाओने दर्द को मेरे फिर से बढाया है
जाने कौन सी वजह है याद आज फिर से तू बहुत आया है
10. तेरी सूरत सी कोई सूरत नही दिखती
वरना बाजार मे तस्वीरो की कहाँ कमी है
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