Shayari Part 102

तेरी ईसी अदा पर मै कुर्बान हु
तुम चाहत करो या ना करो पर तुम ही मेरी दुवा और तुम ही अजान हो

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कितना अजीब इत्तेफ़ाक है ना...
कल हम जिसे जानते भी नहीँ थे,
आज वो हमारी जान है....

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देखना .. एक दिन बदल जाऊगा पूरी तरह मैं
तुम्हारे लिए न सही..
लेकिन...
तुम्हारी वजह से ही सही..

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प्यार का मतलब तो नहीं मालूम मुझे,
मगर जब जब तुजे देखू तो दिल धड़कने लगता है..

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बस एमनी जोड़े एटलो ज सबंध छे मारो...
ज्यारे इ दुःखी होय छे त्यारे मने ऊंघ नथी आवती...

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हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शायरी, फिर वही इश्क, फिर वही तुम.”.

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कुछ ऐसा अंदाज है उनकी हर अदा में,
के तस्वीर भी देखु उनकी तो,
ख़ुशी तैर जाती है चहेरे पर..

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बेचैन इस कदर थी,सोयी न रात भर...
पलकों से लिख रही थी,तेरा नाम चाँद पर..

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मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना, कभी बात करने की हसरत तो कभी देखने की तमन्ना !

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पास आकर देख मेरे अहसास की सिद्दत,,,
मेरा दिल कितना तेजी से धङकता है
सिर्फ तेरे नाम से......!!

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