गोश्त सप्लाई करने वाले ब्राह्मण

एक खबर पढ़ के मुझे बड़ा आश्चर्य हो रहा है!!!
भारत की 6 बड़ी गोश्त सप्लाई करने वाली
कम्पनियों में से 4 के मालिक ब्राह्मण हैं। दुनिया
का सबसे बड़ा "Beef meet exporter country"
ब्राज़ील है, उसके बाद India,
Australia, USA, और UK.
का न० आता है।
4 बड़ी भारतीय कम्पनियां और उनका पता-
1-Al-kbeer Exports Pvt Ltd.
(Owner- Shree Shatish &
Atul Sabharwal) 92, jolly
makers/ chembur Mumbai
400021
2- Arabian Exports pvt Ltd.
(owner- Shree Sunil Kapoor)
Russion mentions,
Overlies,
Mumbai 400001
3-M.K.R frozen food Exports pvt Ltd (Owner-
Shree Madan Abot)
MG Road, Janpath
NEW DELHI 110001
4-P.M.L Industries pvt.Ltd
(Owner- shree A.S bindra)
S.C.O. 62-63Sector 3
4 -A Chandigarh 160022
मुसलमान तो ऐसे ही बदनाम किये जाते हैं, जब कि
सच्चाई ये है कि मुसलमानों से ज्यादा मीट खाने
वाले ईसाई ,और यहूदी हैं।
मुस्लिम नामों से मीट कम्पनियां चलाने वाले
ब्राह्मणों का, मांसाहार का विरोध करने वाले
लोग विरोध क्यों नही करते ??
अभी पिछले दिनों बकरीद पे फेसबुक पे तरह तरह की
फोटो डाल के मुसलमानों के खिलाफ माहोल
बनाया गया।
जबकि विश्व प्रसिद्ध
"पशुपति नाथ" के मंदिर, हिमाचल प्रदेश के कई
मंदिरों में बलि की प्रथा आज भी प्रचलित है।
अभी नेपाल के विश्व प्रसिद्ध
"गढ़ीमाई मंदिर " बेरियापुर में
28-29 नवम्बर को 5 लाख पशुओं की बलि दी जानी
है।
यकीन ना हो तो Google पे सर्च कर सकते हैं।
कुछ समय पहले उत्तर कोरिया के एक महंगे होटल की
फोटो अखबारों में छपी थी, जिसमें 4-5 महीने के ढ़ेर
सारे human embryo किचन की
रस्सी पे लाइन से बंधे लटके हुये थे।
मांसाहारी लोग. White meat के बारे में जरूर सुने
होगें, जो इंग्लैंड, अमेरिका आदि देशो में बहुत खाया
जाता है।
कभी सोचा है कैसे बनता है ?
गाय के बछड़े को महीनों भूखा रखा जाता है,जब
वो मरणासन्न हो जाता है, तब उसे काटते हैं । कम से
कम मुसलमान इतना नहीं गिरा है|
जिंदा गर्भवती गाय के पेट मे औजार मारकर
जिंदा बच्चा निकालकर उसे खौलते पानी मे
उबालकर उसका चमडा निकाला जाता है, जिसे
काँफ लेदर कहते है जो भारी कीमत मे
अमेरिका भेजा जाता है।इस कारोबार मे एक
भी मुस्लिम नही है। चमडा उद्योग मे 20 लाख
लोगो को रोजगार हासिल है। और उससे 2
बिलियन डाँलर की सालाना इंकम होती है।
इतना ही नही गाय की चरबी से
वनस्पति घी लज्जतदार और स्वादिष्ट बनता है।
गाय की हत्या करके साबुन
तथा वनस्पति घी बनाने के कारखाने सारे
ब्राह्मणो के ही है।इसलिए गो हत्या और
कत्तलखानो के विरोध मे देशभर जो आंदोलन
हो रहे है वो राजनीतिक स्टँट के अलावा और कुछ
नही है । असल मे गाय को माता कहना ही सबसे
बड़ा पाखंड है, ब्राह्मण शुरू से ही गो भक्षक रहे है।
ब्राह्मण गाय ही नही इंसानो से लेकर
सभी जानवरो की बलि चढ़ाकर उनका मांस
खाते थे। इसलिए नेपाल के ब्राह्मण आज
भी बड़ी शान से गाय की बलि चढ़ाते है।
काठमांडु के काली माता मंदिर मे पहले तो गाय
की पूजा की जाती है, उसके बाद गाय के मुँह पर
पानी के छिटे मारे जाते है और गाय के सिर
हीलाते ही तेज धार वाले छुरी से गाय की गर्दन
पर पुजारी ब्राह्मण इस तरह से वार करता है
की खून का फव्वारा काली माता के चरणो मे
गिरे। तड़पती गाय का खून अन्य
मुर्तियो को चढ़ाया जाता है। गर्दन
को पुजारी खुद लेकर जाता है और चमडा उतारकर
गोश्त देवी के भक्त प्रसाद के तौर पर घर लेकर जाते
है। ब्राह्मण ही नही गैर ब्राह्मण तथा गैर मुस्लिम
भी गाय का मांस बड़े चाव से खाते है ।

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